एक मुलाकात पंजाबी गायक दमनजीत सिंह के साथ

हैलो दोस्तों चलचित्र सेंट्रल में आप सभी का स्वागत है। जैसा कि आप सब जानते ही हो कि हम साक्षात्कार की हर कड़ी में एक ऐसे नए कलाकार से आपको रूबरू कराते हैं जिन्हे आप सब जानते तो हो मगर उनकी ज़िंदगी के कुछ अनछुए पहलुओं से आप अंजान रहते हैं। हमारी कोशिश रहती है कि हमारे पाठक कलाकारों से हुई हमारी बातचीत के माध्यम से उन्हें और करीब से जाने।

आज एक ऐसे ही नए कलाकार के साथ हम एक बार फिर हाजिर हैं जो पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री से बिलॉंग करते हैं। उनके कई सॉन्ग रिलीज हो चुके हैं। हो सकता है कि जब मैं आपको उनका नाम बताऊँगी तो आप सब लोग उन्हें जानते होंगे मगर आज आप जानेंगे कि किस तरह उन्होंने खुद को इस मुकाम पर पहुँचाया है। कैसे उनके कैरियर की शुरुआत हुई या और भी बहुत कुछ। आज के हमारे मेहमान दमनजीत सिंह हैं जो ब्रेम्पटन ओंटेरिओ (Brampton-Ontari) कनाडा में रहते हैं।

तो चलिए अब बिना देर किये बातचीत का सिलसिला शुरू करते हैं।

दमनजीत सबसे पहले तो आप हमारे पाठकों को और अपने फेन्स को अपने विषय में बताइए। आप कहाँ से बिलॉंग करते हैं? आपने आपका बचपन कहाँ बिताया? और आपकी स्कूली शिक्षा कहाँ संपन्न हुई ?

मैं देहरादून से हूँ। मैं पैदा वही हुआ हूँ और पला बढ़ा भी देहरादून में ही हूँ। मेरे घर वाले भी देहरादून में ही बेस्ड हैं। मेरी पढ़ाई सैंट जूडस स्कूल से हुई है जो कि माजरा देहरादून में है। मेरी ग्रेजुएशन भी एस जी आर आर पी जी कॉलेज देहरादून में हुई है। आप कह सकते हैं कि मेरी जिंदगी का का एक बड़ा हिस्सा यानी बाईस तेईस साल मैंने देहरादून में ही बिताएं हैं।

दमनजीत जैसा कि हम जानते हैं कि आप अपने गायन के क्षेत्र में एक अच्छे मकाम पर हो तो मैं जानना चाहूँगी कि कितना मुश्किल होता है खुद को मेहनत की सीढ़ियों से थकाकर मंजिल तक पहुँचाना।

डेफिनिटली सिंगिंग एक बहुत मुश्किल भरा काम है क्योंकि आजकल कम्पटीशन बहुत ज्यादा है। हर कोई एक आर्टिस्ट है – कोई म्यूजिशियन है, कोई सिंगर है तो कम्पटीशन बहुत टफ हो जाता है। और ऐसे में अपनी पहचान बना पाना बहुत ज्यादा मुश्किल होता भी जा रहा है। तो मेरे लिए यह बहुत इम्पोर्टेन्ट हो गया है कि मैं खुद ही सारी चीजें करूँ जैसे कि मैं गाना भी खुद ही लिखता हूँ, मैं उसकी कम्पोजीशन भी खुद ही तैयार करता हूँ, गाता भी खुद हूँ और अब मैं म्यूजिक भी खुद स्टार्ट कर रहा हूँ। मैं एक्टिंग भी अपने गानों में खुद ही करता हूँ और डायरेक्शन भी खुद ही देता हूँ। तो एक तरीके से वन मैन आर्मी की तरह मैं काम करने की कोशिश कर रहा हूँ ताकि मैं इस इंडस्ट्री और मैं इस मार्किट में सर्वाइव कर पाऊँ और आगे बढ़ पाऊँ।

बाकी हर एक दिन अलग स्ट्रगल है, हर एक दिन नया एक्सपीरियंस है। हर एक दिन नये गाने के बोल मन में आते हैं, हर एक दिन गाने की धुन मन में आती है। कितने गाने ऐसे हैं जो कि लिख कर मैं भूल गया हूँ। कितने गाने ऐसे हैं जो मैंने खुद बनाकर रिजेक्ट कर दिए हैं। कितने गाने ऐसे हैं जो पेंडिंग चल रहे हैं तो ये डिसीजन लेना भी बहुत मुश्किल भरा काम है कि कौन सा गाना आपको बनाना है, कौन से गाने पर आपको पैसा लगाना है, कौन सा गाना आपको मार्किट में देना है। आपको काफी कुछ सोच समझकर निर्णय लेना पड़ता है क्योंकि इस पर आपका भविष्य निर्भर करता है।

आपने हाई स्कूल सैंट जूडस स्कूल देहरादून से किया है और आपका कॉलेज लैम्बटन कॉलेज टोरंटो में संपन्न हुआ। तो देहरादून से कैनेडा तक का जो सफर आपने तय किया इसके पीछे क्या कहानी है?

एक्चुअली मेरा कैनाडा जाने का कोई प्लान नहीं था। इस निर्णय की बात करूँ तो यह डिसीजन सबसे पहले मेरे घर वालों का था क्योंकि वो चाहते थे कि मैं एक अच्छे मकाम पे पढ़ाई करूँ और अपना खुद का ही बिजनेस वगेरह सेट करूँ। लेकिन मैं अपने म्यूजिक के साथ खुश था। चाहे मैं थोड़ा बहुत कम कमा रहा था बट मैं अपना खर्चा खुद निकालता था। अपने गानों में, अपने म्यूजिक विडियोस में खुद इन्वेस्ट करता था। लेकिन फिर जब मेरे घर वालों ने मुझे बताया कि मुझे कैनाडा भेजने की प्लानिंग चल रही है तो पहले तो मैं राज़ी नहीं हुआ। पर उन्होंने मुझे टाइम लेकर सोच समझकर डिसीजन लेने के लिए बोला। तो कुछ टाइम सोचने के बाद मुझे लगा कि हाँ शायद ये ही मेरी लाइफ के लिए अभी ठीक होगा। क्योंकि मैं म्यूजिक तो कर रहा था बट मेरी इनकम जो थी म्यूजिक से वो कंसिस्टेंट नहीं थी और कुछ बहुत ज्यादा नहीं थी कि मैं कुछ अपने घर वालों को भी सपोर्ट कर पाऊँ या अपने आपको बहुत ज्यादा सपोर्ट कर पाऊँ। तो मुझे लगा कि ठीक है ये भी एक एक्सपीरियंस है लाइफ का जो कि मुझे लेना चाहिए और मुझे बाहर जाना चाहिए।

सिंगिंग माशाअल्लाह आपकी बहुत कमाल की है ये मैं आपके गाने सुनकर जान चुकी हूँ। दमनजीत कहाँ से इसकी शुरुवात हुई? और कैसे सिंगिंग को आपने अपना करियर बना लिया? क्या आप सिंगिंग के आलवा भी आप कुछ और करते हो? या एक जुनूनी सिंगर की तरह आपका पूरा समय केवल संगीत के लिए समर्पित है।

सबसे पहले तो बहुत बहुत शुक्रिया इस तारीफ़ के लिए। एक्चुअली इसकी शुरुआत हुई थी जब मैं तीसरी क्लास में था तो मैं घर में गुनगुनाता रहता था। मेरे पास कंप्यूटर हुआ करता था तो कंप्यूटर में मैं गाने लगाके गाता या कुछ न कुछ गुनगुनाता तो मेरे घरवाले मुझे कहते थे कि हाँ तेरी आवाज़ बहुत अच्छी है। तू आगे बहुत अच्छा कर सकता है। घरवालों के अलावा मेरे स्कूल के फ्रेंड्स को पता था कि मैं गाता हूँ बट उसके अलावा किसी को भी नहीं। फिर मैंने स्कूल के क्वायर के लिए भी ऑडिशन दिया था। स्कूल में एक ग्रुप होता है जो कि गाता है स्टेज पर, तो उसमें मैं रिजेक्ट हो गया था क्योंकि मैं बहुत नर्वस हो गया था। फिर मेरी जो शुरुआत हुई वो सेवेंथ क्लास में हुई। मैंने स्टेज में एक गाना गाया था ‘मैं जहाँ रहूँ’। इसके बाद से सब मुझे जानने लगे और मेरा सफर जो था वो पता नहीं लगा कि कब शुरू हो गया।

कैरिएर की बात करूँ तो इंडिया तो मैं फुल टाइम म्यूजिशियन ही था। पढ़ाई के साथ साथ मैं फुल टाइम ही अपने म्यूजिक पर ध्यान देता था। लेकिन अब यहाँ पर आकर वर्क लाइफ बहुत बीजी है इधर की तो इतना म्यूजिक पर ध्यान नहीं दे पाता। लेकिन जब भी मुझे टाइम मिलता है फिर चाहे मैं ट्रेवल कर रहा हूँ, चाहे कहीं बैठा हूँ, कहीं बाहर हूँ, अन्दर हूँ या दूसरी कुछ भी सिचुएशन हो लेकिन अगर मुझे कोई गाना बनाना है, मुझे कोई लाइन समझ आती है, कुछ धुन समझ आती है तो मैं तुरंत बना देता हूँ और घर आकर उसे रिकॉर्ड करके उसे अपलोड कर देता हूँ। तो ये कह सकता हूँ कि म्यूजिक मेरा पार्ट टाइम ही चल रहा है। लेकिन जहाँ तक जूनून की बात है तो ये शुरू से ही जूनून था और आगे चलकर भी जूनून ही रहेगा।

अपने बच्चों के भविष्य के चुनाव में पेरेंट्स का बहुत बड़ा सहयोग होता है ये हम जानते हैं। कई बार तो हमने ये भी देखा है कि जब हम ये तय कर लेते हैं कि हमें क्या करना है तो उस फैसले पर परिवार की नाराजगी और उनका ऐतराज करना मुसलसल जारी रहता है। मगर जब एक मकाम मिल जाता है तो परिवार से लेकर बाकी सब लोग बाड़ी आसानी से उस फैसले को स्वीकार भी कर लेते हैं और उसका सम्मान भी करने लगते हैं।

मैं इस बात से बिल्कुल सहमत हूँ। आजकल का चलन ऐसा हो गया है कि पीछे की जो आपका स्ट्रगल है, आपकी कहानी है वो कोई नही देखता है। लोग बस आपका एंड रिजल्ट देखते हैं कि आप पास हैं या फेल हैं। जैसे कि हम एग्जाम देने जाते थे स्कूल में तो आप 24 घंटे या 48 घंटे पढ़े लेकिन आपके माँ बाप हो या दोस्त या रिश्तेदार ये ही देखते है कि आपके रिपोर्ट कार्ड में ए आया है या बी आया है या सी आया है। ये कोई नहीं देखता कि आपने मेहनत कितनी की है। कोई आपकी मेहनत की सरहाना नहीं करता है सब रिजल्ट पर ही ध्यान देते हैं। और यह एक बुरी चीज है। कुछ लोग समझ पाते हैं लेकिन मोस्टली लोग नहीं समझ पाते हैं इसको। तो मैं इस चीज के बहुत खिलाफ हूँ बट ये जिंदगी का एक पार्ट है और हमें इसको अपना लेना चाहिए। इससे आगे बढ़ना चाहिए और इतनी मेहनत करनी चाहिए कि रिजल्ट ही ऐसा आये कि सब आप पर गर्व करें।

दमनजीत क्या आपके गायन पर भी ये नाराजगी और परिवार का ऐतराज करना लाजमी था या उनकी तरफ से आपको पूरी तरह सहयोग रहा? कुछ ऐसा वाकया हुआ कभी जिसे आप अपनी मीठी याद के तौर पर पूरी ज़िंदगी ना भूल पाओ।

मेरा एक्चुअली स्टार्टिंग से ड्रीम था क्रिकेटर बनने का । एक्चुअली मेरा म्यूजिक की तरफ इतना अपना कैरियर बनाने का इतना शौक नहीं था बट जब मुझे पता लगा हाँ मैं गा सकता हूँ और मैंने गाना स्टार्ट किया तो घर वालों की तरफ से मुझे कुछ इतना प्रोत्साहन नहीं मिला। उन्होंने न मुझे रोका और न किसी चीज के लिए बढ़ावा दिया। बस मैं अपना करता गया करता गया। उनको उस चीज से कोई मतलब नहीं था। मुझे उनसे यह उम्मीद थी कि मेबी वो मुझे सपोर्ट करते या बढ़ावा देते या रास्ता दिखाते पर ऐसा कुछ नहीं हुआ। बट आज की डेट में जब मैं थोड़ा बहुत कुछ बन गया हूँ तो आज की डेट में वो मुझे फुल सपोर्ट करते हैं। मुझे फुल प्रोत्साहित करते हैं। मोटिवेट करते हैं। तो बस वही बात है कि जब तक आप स्टार्टिंग में है, पहली सीढ़ी पर पैर रखते हैं तब आपको कोई आपकी जितनी कैपेब्लिटी होती है उस पर सबको शक होता है। किसी को विश्वास नहीं होता है। बट फिर जब आप कुछ अचीव कर लेते हैं तब सब आपको अप्रिशियेट करना स्टार्ट कर देते हैं। तो बस यही बात रही मेरी भी स्टार्टिंग से और मैं उस चीज से ओके हूँ मुझे इस चीज से कोई ऐतराज नही है।

पंजाबी म्यूजिक हमेशा से अपनी एक अलग पहचान के लिए जाना जाता है और बहुत सारे सिंगर्स ने पंजाबी इंडस्ट्री में अपना एक खास मकाम हासिल किया है। वहीं आज बहुत सारे सिंगर्स पंजाबी से उठकर बॉलीवुड में भी काम कर रहे हैं पंजाबी के अलावा भी हिन्दी सॉन्ग्स में अपनी आवाज दे रहे हैं। आपका क्या खयाल है इस बारे में? क्या आपने भी पंजाबी के अलावा कोई हिन्दी एल्बम निकाली? या भविष्य में कोई हिन्दी एल्बम करने का आपका प्लान है?

हाँ, बिल्कुल एक्चुअली मैंने अपने गाने की शुरुआत पंजाबी गानों से नहीं की थी। जब मैं स्टार्टिंग में स्कूल में गाता था तो मैं सिर्फ इंग्लिश और हिन्दी गाने गाता था। बट जैसे जैसे उम्र बढ़ती गयी तो मेरा जो अट्रैक्शन था वो पंजाबी गानों की तरफ ज्यादा जाता रहा। तो मैंने पंजाबी गाने सुनने स्टार्ट किये। फिर उसके बाद मैंने पंजाबी गाने लिखने भी स्टार्ट किये और मैं खुद लिखने भी लगा । और मैं आजकल देखता हूँ कि कितने पंजाबी सिंगर्स हैं जो बोलीवुड में हिन्दी गाने गा रहे हैं और इट्स गुड। हिन्दी भी हमारी भाषा है और पंजाबी भी हमारी भाषा है इंडिया की। सारी भाषाएँ अपनी ही हैं फिर चाहे वो तमिल है, चाहे मलयालम है। कोई भी भाषा है वो सब अपनी ही है। अच्छी बात है क्योंकि हर एक लैंग्वेज का अपना इम्पोर्टेंस है और वो ग्रो करनी चाहिए। जहाँ तक मेरी बात है तो मुझे जहाँ तक मौका मिलता है तो मैं किसी भी भाषा में गाने को तैयार हूँ। चाहे मुझे मलयाली में गाना गाने का मौका मिले तो मैं उसमें भी गाने को तैयार हूँ, तेलुगु का गाना मिला तो तेलुगु में भी तैयार हूँ। या और कोई भी भाषा हो। मैं तो बहुत एक्साइटेड रहता हूँ अगर मुझे किसी और भाषा में गाने का मौका मिलता है तो। इसलिए अगर हिन्दी में मुझे मौका मिलेगा तो मैं जरूर जरूर गाऊँगा। इन फैक्ट अभी मुझे हाल ही में एक प्रोजेक्ट मिला भी है हिन्दी में गाने का। तो डेफिनिटली अगर पोसिबल हुआ तो मैं जरूर हिन्दी में काम करूँगा।

दमन जानकारी के मुताबिक 2014 में आपका पहला सॉन्ग रिलीज हुआ था “ओ मेरे साजन” (o mere sajan) जिसमें आई थिंक अभिषेक राणा ने भी गाया है। ये आपकी अपनी एल्बम थी या फिर अभिषेक ने आपको गाने का ऑफर दिया था। इस कॉलेब्रेशन के पीछे की क्या कहानी है? प्लीज अपने फैंस को बताएं।

एक्चुअली ओ मेरे साजन के पीछे बहुत इंटरेस्टिंग कहानी है। ये ट्वेल्थ क्लास की बात है। सबसे पहले तो मैं ये बताना चाहूँगा कि ये गाना शायद कोई जानता भी नहीं है। किसी ने सुना ही नहीं है इस गाने को क्योंकि ये गाना 2014 में रिलीज़ हुआ था। और उस टाइम पर लोग यू ट्यूब और इन्टरनेट को इतना यूज नहीं करते थे। बट ये ओपोरच्यूनिटी मेरे पास तब आई जब मेरे एक मित्र अभिषेक राणा मेरे पास ये गाना लेकर आये थे। उन्होंने इसे पहले से लिखा हुआ था, कंपोज़ किया हुआ था और उनके पास इसका म्यूजिक भी था। तो मेरे लिए यह एक बहुत बड़ी ओपोर्च्यूनिटी थी क्योंकि तब मुझे अपने आप से गाना लिखना बनाना नहीं आता था। मैं तब केवल गाना गा सकता था। तो ये मुझे मौका मिला। बट ये भी था कि उस वक्त मेरे पास इतने पैसे भी नहीं हुआ करते थे मैं उस गाने में कुछ इन्वेस्ट करूँ तो उस गाने पर सारे पैसे अभिषेक राणा ने लगाये थे। तो उनका मैं बहुत धन्यवाद करता हूँ कि उनकी वजह से मुझे एक स्टार्टिंग मिली। एक मुकाम मिला मुझे। उसके बाद से मैं अपने गाने भी लिखने लगा। बट वो एक बहुत टैलेंटेड आर्टिस्ट हैं और मैं आज भी उनकी बहुत कद्र करता हूँ। उनके गानों को भी मैं बहुत पसंद करता हूँ।

संगीत जगत में सफलता का स्वाद बड़ी आसानी से नहीं चखा जाता है ये बात एक सिंगर और राइटर होने के नाते मैं बहुत अच्छे से समझ सकती हूँ। उतार चढ़ाव के बिना ज़िंदगी ही नहीं ये फील्ड भी अधूरा सा लगता है। आपकी सिंगिंग के शुरुवाती दौर में भी क्या आपको ऐसे मुश्किल हालातों का सामना करना पड़ा? आपने इन छोटी छोटी मुश्किलों से क्या सीख ली?

आई थिंक हर कैरियर में इन्क्लूडिंग सिंगिंग उतार चढ़ाव होते ही हैं। मैंने अपनी लाइफ में शुरु से लेकर और आजतक काफी उतार चढाव देखे हैं। इस लाइन में या इस इंडस्ट्री में आपको काफी लोगों के साथ कम्यूनिकेट करना पड़ता है और अच्छी कम्यूनिकेशन होनी बहुत जरूरी है। आप कोई भी कॉन्ट्रैक्ट साइन करते हैं तो उसकी नोलेज होनी बहुत जरूरी है। मैंने लाइव शो बहुत किये हैं अपने लाइफ में जिसमें मैंने सबसे ज्यादा उतार चढ़ाव देखे हैं क्योंकि लाइव शोस में ऐसा है कि आपको उनके मुताबिक़ काम करना है जो शोस ऑर्गनाइज कराते हैं। एंड कभी कभी ऐसा भी हुआ है कि बिना गाये हमें वापिस भेज दिया गया हो या हमें गाने का मौका न मिला हो और हम लाइन में खड़े रह गये हों। जो कि स्टार्टिंग में अक्सर होता था। खैर, अब भगवान की दया से जब हमने कुछ अचीव कर लिया थोड़ा बहुत लाइफ में उसके बाद ऐसा तो नहीं हुआ। बट स्टार्टिंग में बहुत सी दिक्कतें आई। और अभी भी बहुत सी दिक्कतें आती हैं जो अलग तरह की होती हैं। मैं कमर्शियल गाने में बहुत ज्यादा ध्यान रखता हूँ तो उसमें बहुत ज्यादा इन्वेस्ट करना पड़ता है। एक गाना तैयार करने में लाखों रूपये लग जाता है। जैसे मैंने अभी गाना बनाया था तो उसमें ओब्विय्स सी बात है अगर आप बाहर शूट करते हैं तो आपको हर चीज हायर करनी पड़ती है तो आपको हर चीज के लिए पैसा लगाना पड़ता है। आप घर से इंडिपेंडेंट हैं। आप घर से नहीं माँग सकते और खुद से ही सब कुछ करना है। तो ये सब चीजें होती हैं। ये दिक्कतें अच्छी भी हैं। ये लाइफ में आपको सिखाती भी हैं। मैं चाहता हूँ ये कंटीनयू रहें ताकि मैं सीख सीख के आगे बढूँ।

2019 में रिलीज हुआ आपका सॉन्ग “दिल वाली गल”(dil wali gal) खासा पॉप्युलर हुआ था। जिसमें निखिल नाहर ने रैप किया है। यही वो सॉन्ग था जिसने आपको लोगों के बीच खास बना दिया था।

इस गाने का खयाल आपको कैसे आया? इस सॉन्ग के बनने के पीछे क्या कोई रोचक किस्सा है? आपने इसे अपने चैनल से नहीं बल्कि व्हाइट हिल म्यूजिक” (White Hill Music) से रिलीज किया इसकी कोई खास वजह थी या ये चैनल की अप्रोच थी?

बिल्कुल बिल्कुल, मैं इस बात से टोटली अग्री करता हूँ कि मेरी लाइफ जो एक्चुअली बदली है वो दिल वाली गर्ल सॉंग के बाद बदली है। क्योंकि ये एक बहुत बड़ा प्रोजेक्ट था मेरी लाइफ का एंड इस गाने को बनने में लगभग डेढ़ साल से ऊपर का समय लग गया था। आई थिंक दो हजार सत्रह के दिसम्बर में मैंने इस गाने की रिकॉर्डिंग स्टार्ट कर दी थी और ये गाना रिलीज़ हुआ 2019 में जाकर वो भी मई के महीने में। लेकिन इस गाने की रिलीज़ आल ओवर द वर्ल्ड हुई थी। इसका प्रमोशन जो है वो हर जगह हुआ था। देहरादून सिटी में हर जगह इसके बैनर लगे थे, प्रेस रिलीज़ हुई थी। बहुत अखबारों में इंटरव्यूज हुए और टी वी में भी इंटरव्यूज हुए थे। तो इसके बाद मेरा कैरियर एक्चुअली स्टार्ट हुआ क्योंकि इसके बाद मुझे बहुत ओपोर्च्यूनिटीज मिली। मुझे जजिंग करने का मौका मिला कॉलेजस में एंड बहुत सी जगह थी जहाँ पर मुझे अपने आपको प्रेजेंट करने का मौका मिला। तो आई थिंक ये गाना मेरे लाइफ में बहुत स्पेशल है। ये गाना हमेशा स्पेशल रहेगा। चाहे आगे मैं जितने मर्जी गाने बनाऊँ। फिर चाहे वो गाने दिल वाली गर्ल की तुलना में हिट हो या नहीं पर दिल वाली गर्ल मेरी लाइफ में बहुत स्पेशल गाना रहेगा हमेशा।

इस गाने का खयाल ऐसे आया कि जैसे कोई एक वाकया होता है इंसान की लाइफ में जिसको वो शब्दों ए बयाँ नहीं कर पाता है। कोई ऐसा इंसान होता है जिसे वो बहुत पसंद करता है पर वो उसे अपने शब्दों से नहीं बता पाता है। तो वो अपने जज़्बातों को अपने गाने के जरिए या अपने म्यूजिक के जरिए बताना चाहता है। इसी सिचुएशन से रिलेट करके मैंने ये गाना लिखा था अपनी आप बीती पर। वैसे तो मैंने सोच था कि मैं ये गाना छोटे दर्जे पर बनाऊँ क्योंकि मैं बैठे बैठे यूँही अपनी फीलिंगस लिख रहा था। पर वो गाना जैसे जैसे रिकार्ड होता गया, जैसे जैसे उसकी विडियो बनती गई वो गाना इतना बड़ा बनता गया। फिर हमने सोचा कि क्यों ना इसे किसी बड़े पंजाबी रिकार्ड से रिलीज कराया जाए जो कि मशहूर हो जिससे हमें भी फायदा हो और उन्हें भी। बहुत रिसर्च करने के बाद हमने व्हाइट हिल म्यूजिक का डिसाइड किया जिसमें कई सौ मिलियन बिलिय व्यूज के गाने हैं। यहाँ हमने इस गाने को रिलीज किया। ये एक बहुत अच्छा म्यूजिक रिकार्ड लेबल है जो आर्टिस्ट की कद्र करता है और उनको सपोर्ट करता है। हमारे लिए ये प्लेटफॉर्म काफी हद तक अच्छा रहा और हमें बहुत अच्छी कामयाबी मिली इस सॉन्ग से।

दमन आपके सॉन्ग “ब्राउन हेयर” (brown hair) में भी निखिल ने रैप किया है। निखिल के साथ आपकी ये साझेदारी कई सोंग्स में दिखाई दी है। इस साझेदारी की शुरुआत कहाँ से और कैसे हुई?

एक्चुली निखिल नाहर एक ऐसा बंदा है जो मेरे भाई जैसा है बिल्कुल। मिले तो हम एक म्यूजिक परफ़ॉर्मेंस के लिए थे पर अब ऐसा है की म्यूजिक से ज्यादा हम एक दूसरे के करीब हो चुके हैं भाई बन चुके हैं। इस भाई के रिश्ते की हम कद्र करते हैं और इज्जत करते हैं। आई थिंक यही वो बान्डिंग है जो मजबूत होती चली गई कि अब वो हमारे गानों में भी दिखती है। कोई भी गाना होता है चाहे हम साथ में करें या ना करें पर हम लोग एक दूसरे को सुनाते जरूर हैं। यही नहीं हम दोनों की अगर कोई पर्सनल प्रॉबलम भी हो तो हम एक दूसरे के काम आते हैं। हम साथ रहते हैं उस प्रॉब्लम में। इस बान्डिंग की शुरुवात हुई थी डी ए वी कॉलेज देहरादून में जहाँ हम परफ़ॉर्म करने गए थे। निखिल का शो था और उसने मुझे कहा था कि तुझे भी साथ लेकर जाऊँगा और तू भी वहाँ एक शो करेगा। भगवान की दया से हमने वहाँ बहुत वाह वाही बटोरी। हमने वहाँ बहुत लोगों की तारीफ़ें बटोरी बस वहाँ से हम स्टार्ट हुए और आज तक लगे हुए हैं।

दमन आपने कई कवर सॉन्ग किये हैं और कई खुद के फ्रेश सॉन्ग गाये हैं। वो कौन सा सॉन्ग है जो आपके सबसे करीब है और उसके पीछे क्या वजह है?

वेसे तो मेरे लिए मेरे सारे गाने एक बराबर हैं जैसे कि एक माँ बाप के लिए उनके बच्चे होते हैं। कह सकते हैं कि किसी इंसान की दोनों आँखें हैं तो उनकी दोनों आँखें उनके लिए बराबर होती हैं। वो एक आँख से फ़ंक्शन नहीं कर सकते। पर फिर भी अगर बोला जाए या देखा जाए तो आई थिंक मेरी लाईफ का सबसे स्पेशल कोई एक सॉन्ग नहीं है पर मेरी अभी प्रजेंट में एक एल्बम है जो रिलीज़ होने वाली है। वह एल्बम जिसका नाम द चोजन वन है वो मेरे लिए सबसे ज्यादा स्पेशल है। आज तक का ये मेरी लाइफ का सबसे बड़ा काम है। इसमें आठ गाने हैं जो कि बैक टू बैक रिलीज होंगे। इस एल्बम में जितने भी गाने हैं सारे मेरे दिल के बहुत करीब है। ये सारे सॉन्ग मैंने बहुत दिल से लिखे हैं और बहुत टाइम लेकर लिखे हैं। मेरी बहुत मेहनत लगी हुई है इन गानों के पीछे। मैं स्पेशलि थैंक्स करना चाहूँगा आर नेड का, हैप्पी सिंह का और निखिल नाहर का जो कि मेरी टीम है या कह सकते हैं कि मेरी रीढ़ की हड्डी है। इनके बिना ये एल्बम पॉसिबल नहीं हो सकती थी। इनका सबसे ज्यादा बहुत बहुत शुक्रिया।

दमनजीत आपसे बात करके समय कब निकल गया कुछ पता ही नहीं चला। सवालों की ये फ़ेहरिस्त फिर भी खत्म होने का नाम नहीं ले रही। बहुत अच्छा लगा आपसे बात करके और काफी कुछ जानने को भी मिल गया आपके विषय में। चलचित्र सेंट्रल के साथ बातों की इस मुलाक़ात के लिए बहुत शुक्रिया। दुआ है की आप यूँ ही अपने गायन के सफर पर निरंतर बिना रुकावट के चलते रहें और कामयाबी आपके साथ आपके हमसफ़र की तरह चलती रहे। जाते जाते आप अपने दोस्तों या अपने करीबी फैंस के लिए अगर कोई मेजेस देना चाहते हैं कुछ कहना चाहते हैं तो कह सकते हैं।

बहुत बहुत शुक्रिया आपको व आपकी टीम को मुझे इनवाईट करने के लिए। मुझे अपने दिल की बात कहने के लिए, अपनी बातें सामने रखने के लिए इन्होंने मौक़ा दिया उसके लिए बहुत बहुत शुक्रिया। जाते जाते मैं अपने सभी दर्शकों को, पाठकों को जो इस इंटरव्यू को पढ़ने वालें हैं सुनने वाले हैं यही कहना चाहूँगा कि जो अपनी नियत है वो हमेशा साफ रखनी चाहिए। उसे हमेशा बरकरार रखनी है आपको। आपकी लड़ाई आपसे है किसी और को देखकर या किसी की खुशी में जलन भावना रखना या ऐसी किसी भी प्रकार की फीलिंग को अपने मन में उत्पन्न नहीं करनी है। हमेशा अपने आपसे सच्चा रहना है और सच्चाई का साथ देना है। इन चीजों पर ध्यान देंगे तो डेफ़िनेटली आपको सफलता हासिल होगी साथ ही आप अच्छे राह पर जाते रहेंगे। शुक्रिया।

आखिर में सुनिए दमनजीत द्वारा दिया गया अपने प्रशंसकों को एक ख़ास विडियो संदेश। दमनजीत चूँकि कनाडा में रहते हैं तो उनके काफी फैन्स अंग्रेजी या पंजाबी ही समझते हैं तो उन्होंने यह संदेश अंग्रेजी में दिया है।

तो यह थी पंजाबी गायक दमनजीत सिंह से हमारी छोटी सी बातचीत। दमनजीत सिंह से आप निम्न लिंक के माध्यम से सम्पर्क स्थापित कर सकते हैं:

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About सुजाता देवराड़ी

सुजाता देवराड़ी मूलतः उत्तराखंड के चमोली जिला से हैं। सुजाता स्वतंत्र लेखन करती हैं। गढ़वाली, हिन्दी गीतों के बोल उन्होंने लिखे हैं। वह गायिका भी हैं और अब तक गढ़वाली, हिन्दी, जौनसारी भाषाओँ में उन्होंने गीतों को गाया है। सुजाता गुठलियाँ नाम से अपना एक ब्लॉग भी चलाती हैं।

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