प्रियंका मेहर

प्रियंका मेहर - जीवनी

संक्षिप्त परिचय:

नाम: प्रियंका मेहर
घर का नाम: पिंकू
जन्मस्थान:
देहरादून
गाँव: टिहरी गढ़वाल
जन्म दिवस: 17 अक्टूबर 1996
व्यवसाय: गढ़वाली गायन

परिचय

उत्तराखंड में टेलेंट की कोई कमी नहीं है। ये बात अलग है कि पहले लोगों को अपना हुनर दिखने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती थी। अपने आप को दुनिया तक पहुँचाने के लिए काफी लंबा सफर तय करना पड़ता था। मगर अब ऐसा कुछ नहीं है।आजकल शोशल मीडिया और यूट्यूब जैसे अनेक ऐसे माध्यम हो गए हैं जहाँ आप अपने आप को देश दुनिया तक पहुँचा सकते हो। अपने टेलेंट से सबका दिल जीत सकते हो। ऐसे ही टेलेंटेड कलाकारों में एक नाम प्रियंका मेहर (Priyanka Meher) का भी है जो आज उत्तराखंड ही नहीं बल्कि देश विदेश में भी काफी प्रसिद्ध हैं। गायन का शौक बचपन से अपने जेहन में पालने वाली प्रियंका ने भी इन्हीं माध्यमों का सहारा लेकर अपने आप को साबित करने की एक छोटी सी कोशिश की और कामयाब भी हुई। प्रियंका मेहर अपनी अलग आवाज के अंदाज के लिए जानी जाती है। उनके गानों में एक अलग तरह की क्रियेटिविटी सुनाई पड़ती है। आज हम जानेंगे प्रियंका मेहर के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें। बताएंगे आपको उनके गायन के विषय में।

बचपन

उत्तराखंड की उभरती गायिका प्रियंका मेहर का जन्म (Priyanka Meher date of birth) 17 अक्टूबर 1996 को देहरादून में हुआ है। मूल रूप से प्रियंका टिहरी गढ़वाल (Tehri Garhwal) की रहने वाली है। प्रियंका मेहर को प्यार से पिंकू बुलाया जाता है। उनका बचपन देहरादून में ही बीता है, क्योंकि उनके माता-पिता बचपन में ही देहरादून से शिफ्ट हो गए थे।

परिवार

प्रियंका मेहर (Priyanka Meher) अपने परिवार के साथ देहरादून में रहती है। उनकी फैमिली में उनके अलावा उनके माता-पिता और भाई बहन हैं। उनके भाई का नाम दीपक मेहर (Deepak Meher) है और वह भी पेशे से एक सिंगर है। प्रियंका की बहन का नाम दीपिका मेहर नेगी (Deepika Meher Negi ) है। उसकी शादी हो चुकी है।

प्रियंका मेहर की स्कूली शिक्षा

प्रियंका मेहर की स्कूली शिक्षा एस जी आर आर रेस कोर्स, देहरादून (SGRR Race Course, Dehradun ) से हुई है और वह दूनघाटी रंगमंच (Doonghati Rangmanch) से एक्टिंग(acting) भी कर चुकी है। प्रियंका मेहर ने कुछ साल एक स्कूल में संगीत शिक्षक के तौर पर कार्य भी किया है।

कैसे हुई प्रियंका मेहर की गायन की शुरुवात

संगीत एक ऐसी कला है जो हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करने में हमेशा सफल होता है। शुरुआत अगर बचपन से ही हो तो उसके प्रति आकर्षण और गहरा होता जाता है। यही कुछ प्रियंका मेहर (Priyanka Meher) के साथ भी हुआ।

प्रियंका मेहर (Priyanka Meher) एक संगीतप्रेमी परिवार से आती हैं। प्रियंका को गाने का शौक बचपन से ही था, और उन्हें गाने की प्रेरणा अपने भाई दीपक मेहर से मिली। दीपक मेहर भी एक संगीतकार और गायक है। भाई को गाते सुनते देख प्रियंका के मन में भी एक लहर सी उठी। मगर चंचल प्रियंका ने उसे कभी गंभीरता से नहीं लिया। अपने स्कूल के दिनों में उनका संगीत पर ज्यादा ध्यान नहीं था। बाद में 12वीं करने के बाद उन्होंने अपने भाई को गाते हुए देखा और इस वजह से उन्होंने भी गाना शुरू कर दिया।

गाते गाते प्रियंका के मन में खयाल आया क्यों ना मैं इसे यूट्यूब के लिए बनाऊँ। फिर थोड़ा और मेहनत और अच्छे से उस गाने को बनाकर प्रियंका ने उसे ऐसे ही यूट्यूब पर डाल दिया। कुछ दिन बाद वो गाना वायरल हो गया और प्रियंका रातों रात स्टार बन गई। खुशी इतनी थी कि गायन को ही अपना करियर बनाने की प्रियंका ने ठान ली। धीरे धीरे मैशअप से शुरू किया और बाद में अपने ओरिजनल गाने भी प्रियंका ने यूट्यूब पर अपलोड किये। लोगों को प्रियंका की आवाज़ पसंद आने लगी ।

किस गाने से मिली प्रियंका मेहर को सफलता

हालाँकि प्रियंका मेहर (Priyanka Meher) ने अब तक गई गढ़वाली, कुमाऊँनी गाने गा चुकी हैं। पर कहते हैं की हर गायक या गायिका की ज़िंदगी में वो एक गीत जरूर होता है जिसकी वजह से उसे पहचान मिलती है कामयाबी मिलती है। प्रियंका मेहर (Priyanka Meher) की ज़िंदगी में भी वो एक गीत ऐसा है जिसने एक गायिका के रूप में उसे दुनिया में नाम और पहचान दिलाई।

प्रियंका मेहर (Priyanka Meher) का पहला गाना “ए मेरो गोपाला मिथे छोड़ के ना जै” (Ai Mero Gopala Mithe chhod ke na jai)। ये वही सॉन्ग है जिसने प्रियंका को स्टार बनाया था। इस गीत के बाद प्रियंका ने लगातार कई पहाड़ी हिट सॉन्ग लोगों को दिए। इन गीतों के बाद प्रियंका ने “रणसिंग बाजों” (Ransingh Bajo) सॉन्ग का मैशअप किया जो एक बार फिर लोगों के दिलों दिमाग पर छा गया। प्रियंका की आवाज़ का जादू लोगों के सर चढ़कर बोलने लगा। लाजमी भी था क्योंकि प्रियंका की आवाज़ बहुत अलग और युनीक है जो सुनकर ही दीवाना कर देती है।।

बादशाह के ‘गेंदा फूल’ का प्रियंका मेहर ने बनाया पहाड़ी वर्जन

जैसा की मैं पहले भी कह चुकी हूँ कि प्रियंका मेहर (Priyanka Meher) अपनी क्रियेटिविटी के लिए जानी जाती है। उनके अंदर कुछ अलग और नया करने का जुनून हमेशा रहता है। ये बात उन्होंने तब साबित की जब उन्होंने और रैपर रोंगपाज (Rongpaz) ने बॉलीवुड के रैपर स्टार और सिंगर बादशाह (Baadshah) के हिन्दी गाने “गेंदा फूल” (Gainda Phool) का पहाड़ी वर्जन बनाया। इस गीत के जरिए प्रियंका ने एक तरफ से बॉलीवुड में भी कदम रख लिया था। इसी गाने के बाद प्रियंका मेहर (Priyanka Meher) अपनी आवाज़ और अपने फ्यूजन के चलते आज कई जवाँ दिलों की धड़कन बनी हुई है। फिर आया प्रियंका का ‘घूमे दे’ (Ghume De) सॉन्ग जिसने कई लोगों के दिलों में प्रियंका के साथ घूमने की तमन्ना अपने दिल में जगा ली थी। उसके बाद प्रियंका काफी सारे गढ़वाली, कुमाउँनी, नेपाली, हिमाचली, हिंदी, जौनसारी, मैशअप आदि कई सॉन्ग गाए।

प्रियंका मेहर के यूट्यूब चैनल

प्रियंका मेहर (Priyanka Meher) अपने गाने प्रियंका मेहर (Priyanka Meher) नाम से ही बने हुए चैनल पर अपलोड करती हैं। इस चैनल के चार लाख से ज्यादा सबस्क्राइबर हैं। इस चैनल में उन्होंने कई विडिओ सॉन्ग डाले हुए हैं जिनमें से कइयों के लाखों बार देखा जा चुका है। ये व्यूज लोगों के मन में प्रियंका की गायिकी के प्रति उनका प्यार है।


इसके आलवा प्रियंका का एक और ब्लॉग चैनल है जिसका नाम मेहर वाणी (Meher Vani) है। इस चैनल में प्रियंका मेहर अपनी रोजमर्रा की जिंदगी के पल वलॉग्स (vlogs) के रूप में अपनेप्रशंसको के साथ साझा करती हैं।प्रियंका मेहर घूमने की बहुत शौक़ीन हैं इसलिए वो अपनी ट्रेवलोग बनाती रहती है।

तो ये थी हम सबकी चाहिती प्रियंका मेहर (Priyanka Meher) की जिंदगी से जुड़ी कुछ जानकारियाँ। उम्मीद है आपको यह पसंद आई होंगी।

About सुजाता देवराड़ी

सुजाता देवराड़ी मूलतः उत्तराखंड के चमोली जिला से हैं। सुजाता स्वतंत्र लेखन करती हैं। गढ़वाली, हिन्दी गीतों के बोल उन्होंने लिखे हैं। वह गायिका भी हैं और अब तक गढ़वाली, हिन्दी, जौनसारी भाषाओँ में उन्होंने गीतों को गाया है। सुजाता गुठलियाँ नाम से अपना एक ब्लॉग भी चलाती हैं।

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