अनुपमाँ

अनुपमाँ धारावाहिक

चैनल: स्टार प्लस और हॉटस्टार
प्रसारित तारीख: 13 जुलाई 2020
समय सीमा: 25 मिनट
समय और दिन: सोमवार से शनिवार रात 9.00
भाषा: हिन्दी

निर्देशक: रोमेश कालरा
कहानी: नमिता वर्तक, ज़ामा हबीब
स्क्रीनप्ले : भावना व्यास

मुख्य किरदार:
अनुपमाँ
– धारावाहिक की मुख्य किरदार। अनुपमा वनराज की पत्नी है और एक गृहणी है। वह ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं है और उसकी अंग्रेजी भी कमजोर है इसीलिए वनराज भी उसकी इज्जत नहीं करता है। वह उसे अपने से कमतर समझता है। अनुपमा का किरदार रुपाली गाँगुली निभा रही हैं।
वनराज – वनराज लीला और हँसमुख का बेटा है। वह एक बड़ी कम्पनी में ऊँचे ओहदे पर कार्य करता है। वह अनुपमा का पति है।वह अनुपमा के साथ खुश नहीं है क्योंकि उसे लगता है कि अनुपमा उससे कम पढ़ी लिखी है और उसके साथियों के बीच में उठने बैठने लायक नहीं है। वनराज का किरदार सुधांशु पांडे निभा रहे हैं।
काव्या गांधी – काव्या वनराज की सहकर्मी और प्रेमिका है। वह अनिरुद्ध से विवाहित है। काव्या के किरदार को मदालसा शर्मा ने निभाया है।
अनिरुद्ध गांधी – काव्या का पति है। रुषाद राणा ने अनिरुद्ध गांधी के किरदार को निभाया है।
पारितोष – अनुपमाँ और वनराज का बड़ा बेटा। परितोष का किरदार आशीष मेहरोत्रा निभा रहे हैं।
समर – अनुपमाँ और वनराज का छोटा बेटा। समर का रोल पारस कलनावत अदा कर रहे हैं।
पाखी – अनुपमाँ और वनराज की बेटी। पाखी का किरदार मुस्कान बमने निभा रही हैं।
लीला शाह – वनराज की माँ। लीला शाह का किरदार अल्पना बच निभा रही हैं।
हंसमुख शाह – वनराज का पिता। अरविन्द वैद्य ने हंसमुख शाह का किरदार निभाया है।
जिग्नेश – लीला का भाई। जिग्नेश का किरदार शेखर शुक्ला निभा रहे हैं। (Leela’s brother; Vanraj and Dolly’s uncle)
किंजल दवे – पारितोष की पत्नी। निधि शाह किंजल दवे का किरदार निभा रही हैं।
राखी दवे – किंजल की माँ। तसनीम शेख इस किरदार को निभा रही हैं।

प्लाट:

अनुपमाँ अनुपमा नाम की महिला की कहानी है। इस धारावाहिक में अनुपमा का मुख्य किरदार रूपाली गाँगुली निभा रही हैं। जैसा कि नाम से ही जाहिर है इस यह धारावाहिक एक औरत और उसकी जिंदगी के इर्द गिर्द बुना गया है। मुख्य किरदार अनुपमा के नाम को भी यहाँ एक ट्विस्ट दिया गया है।यहाँ मा को माँ में बदला गया जो कि मुख्य किरदार के ममतामयी स्वरूप को दर्शाता है।

अनुपमा एक कुशल गृहणी है जो कि परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को बिना किसी शर्त के निभाती आ रही है। एक पत्नी, बहु, माँ और सास का किरदार निभाते निभाते अनुपमा खुद को भूल सी गई है। अपनी जिम्मेदारियों में अनुपमा कहीं खो गई है। हर जिम्मेदारी को अपना धर्म समझकर उसे बाखूबी निभाने के बाद भी उसके अंदर कभी गुस्सा या उसकी जबान पर कभी कड़वाहट नहीं दिखती है। परन्तु फिर भी परिवार में उसे वह इज्जत नहीं मिलती है जिसकी वह हकदार है।

अनुपमा के पति वनराज शाह एक बहुत बड़ी कंपनी में बड़े पद पर कार्यरत हैं। वनराज काफी पढ़ा लिखा है लेकिन अनुपमा ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं है और उसे अंग्रेजी बिल्कुल नहीं आती है। इस कारण वनराज अनुपमा को अपने से कमतर मानता है और वह हमेशा अपनी पत्नी को अपने दोस्तों और आसपास की बड़ी सोसाइटी से मिलाने में झिझकता है। वनराज अनुपमा को धोखा देकर उसके पीठ पीछे अपने ही ऑफिस में एक लड़की काव्या से पिछले 8 साल से प्यार करता है। काव्या को अपनी दोस्त बताकर अपने घर में सबसे मिलाकर उसका अपने घर में आना जाना खुलेआम कर देता है। काव्या में उसे वह सब दिखता है जो वह अपनी पत्नी में चाहता था और इस कारण वह हर बात में अनुपमा से ज्यादा उसे तरजीह देता है। वहीं अनुपमा इन सब बातों से अंजान अपने पति वनराज पर आँख बंद करके भरोसा करती है। अनुपमा काव्या के साथ भी परिवार की ही तरह प्यार से अपना व्यवहार निभाती है लेकिन वनराज अनुपमा को नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ता है। वनराज को अपने पढे लिखे होने का घमंड है और अनुपमा को अपने अंग्रेजी ना आने का दुख।

अनुपमा तीन बच्चों पारितोष, समर और पाखी की माँ भी है। उसने अपने प्यार से अपने बच्चों को बढ़ा किया है। अनुपमा के बड़े बेटे परितोष को भी अपनी माँ के पढ़े लिखे ना होने का दुख और शर्म है इसलिए वो अपनी माँ को अपने साथ कहीं लेकर नहीं जाता है। छोटा बेटा समर हमेशा अपनी माँ को सपोर्ट करता है उसकी हर मुश्किल को समझता है। अपने पापा का अपनी माँ के प्रति ऐसा बर्ताव वो बर्दास्त नहीं करता है। समर अपनी माँ को हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहता है। यह खासियत अनुपमा के अंदर भी है कि वो हमेशा कुछ नया सीखना चाहती है उसे किसी चीज को सीखने में शर्म नहीं आती है। अनुपमा की सास लीला का पूरा दिन अपने बेटे की तारीफ और अपनी बहु को ताना कसने में निकल जाता है। हंसमुख जो अनुपमा के ससुर हैं वो अनुपमा को घर की लक्ष्मी समझकर उसे अपनी बेटी की तरह प्यार करते हैं। जिग्नेश जो कि इस सीरियल के मज़ाकिया किरदार है वो अपने अंदाज़ के सबके चेहरे पर मुस्कुराहट लाते हैं। किंजल एक आदर्श पढ़ी लिखी बहु है और अपनी सास अनुपमा को हमेशा सपोर्ट करती है। वहीं राखी दवे अपने पैसों के घमंड से सबको नीचा दिखाने में और सबके घरों में आग लगाने से कभी पीछे नहीं हटती है।

इन्हीं सब किरदारों के इर्द गिर्द इस धारावाहिक की कहानी बुनी गई है जहाँ प्यार, दुलार, ममता, आशा, उम्मीद, धोखा, विश्वास, निराशा, रिश्तों की खट्टी मीठी नोक झोंक का मिश्रण बनाकर इसे परोसा गया है।

About सुजाता देवराड़ी

सुजाता देवराड़ी मूलतः उत्तराखंड के चमोली जिला से हैं। सुजाता स्वतंत्र लेखन करती हैं। गढ़वाली, हिन्दी गीतों के बोल उन्होंने लिखे हैं। वह गायिका भी हैं और अब तक गढ़वाली, हिन्दी, जौनसारी भाषाओँ में उन्होंने गीतों को गाया है। सुजाता गुठलियाँ नाम से अपना एक ब्लॉग भी चलाती हैं।

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