मातृ दिवस के अवसर पर सुनिए माँ को केंद्र में रखकर लिखे ये गढ़वाली गीत

मातृ दिवस के अवसर पर सुनिए माँ को केंद्र में रखकर लिखे ये गढ़वाली गीत

आज मातृ दिवस (Mother’s Day) है और चलचित्र सेंट्रल भी सभी माँओं को सलाम और प्रणाम करता है। इस मातृ दिवस (Mother’s Day) के उपलक्ष्य पर हम आपके लिए लेकर आयें हैं कुछ ऐसे बेहतरीन गढ़वाली गीत जो माँ पर केन्द्रित हैं। इन सभी गीतों में हर हर गायक लेखक और संगीतकार ने माँ के प्रति अपने प्यार और प्रेम को अपनी अपनी कला के अनुसार व्यक्त किया है।

कई लोग अपने घर परिवार से दूर हैं और कई लोग अपनी माँ को हमेशा के लिए खो चुके हैं। लेकिन माँ की यादें ऐसी होती हैं जो रह रहकर आपके मन में दस्तक दे जाती हैं। वो हर खुशी और हर ग़म में आपके साथ होती हैं। कुछ को माँ के हाथ का खाना याद आता है, कुछ को नींद ना आने पर माँ की लोरी याद आती है। कुछ तो चोट लगने पर माँ की ममता याद आती है तो कुछ को गलती होने पर माँ की डाँट फटकार याद आती हैं। इन सभी गीतों में वो सारे भाव प्रकट किये गए हैं।

[Garhwali Songs for Mother]


तो चलिए इस मातृ दिवस (Mother’s Day) इन गीतों के माध्यम से अपनी यादों में खो जाइए और आस पास अगर माँ है तो उनके साथ प्यार से इन गीतों में हाथ पकड़ कर झूमा जाए।

तुम्हरी खुद | नरेंद्र सिंह नेगी

मेरी माँ जी | बॉबी चौधरी

माँ जी की खुदमा | होशियार सिंह मलियाल

माँ | रोहित चौहान

माँ जी | शगुन उनियाल

[Garhwali Songs for Mother]

About सुजाता देवराड़ी

सुजाता देवराड़ी मूलतः उत्तराखंड के चमोली जिला से हैं। सुजाता स्वतंत्र लेखन करती हैं। गढ़वाली, हिन्दी गीतों के बोल उन्होंने लिखे हैं। वह गायिका भी हैं और अब तक गढ़वाली, हिन्दी, जौनसारी भाषाओँ में उन्होंने गीतों को गाया है। सुजाता गुठलियाँ नाम से अपना एक ब्लॉग भी चलाती हैं।

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