फिल्मी जगत के चहिते अभिनेताओं में शुमार होता है ऋतिक रोशन का नाम। जिनके लुक्स और डाँस के सभी लोग फैन हैं। हर किरदार को एक अनोखे रूप में प्रस्तुत करने वाले ऋतिक रोशन सेलेब्स फेमिली से ही बिलोंग करते हैं। उनके पिता राकेश रोशन अपने समय के एक जाने माने अभिनेता रह चुके हैं और आज भी वो एक सफल डायरेक्टर के रूप में बॉलीवुड में प्रसिद्ध हैं। आपको बता दें कि उनके पिता राकेश रोशन, संगीत निर्देशक रोशनलाल नागरथ के बेटे हैं। उनकी माँ पिंकी, निर्माता और निर्देशक जे. ओम प्रकाश की बेटी हैं। उनके चाचा, राजेश, एक संगीतकार हैं। पूरा परिवार सिने जगत से ताल्लुक रखता है।
अब बात करते हैं ऋतिक रोशन के करियर की
ऋतिक रोशन ने अपने करियर की शुरुवात बचपन में ही कर दी थी। फिल्मों की तरफ उनका पहला कदम बढ़ाने की पहल उनके दादा ने की। 1980 में आई फिल्म ‘आशा’ में ऋतिक 6 साल की उम्र में पहली बार पर्दे पर एक छोटे से किरदार के रूप में सामने आए। फिर वो 1980 में ही अपने पिता के प्रोडक्शन तले बनी फिल्म ‘आप के दीवाने’ में नजर आए और उसके बाद 1981 में फिल्म ‘आस पास’ में नजर आए। कुछ ऐसा बीता ऋतिक का बचपन जिसमें वो अपनी व्यक्तिगत परेशानियों से भी जूझ रहे थे। एक तरफ सिनेमा का रुख तो दूसरी तरफ अपने हकलाने की समस्या। काफी इलाज के बाद ऋतिक की ये दिक्कत उनसे दूर हुई। और बड़े होते होते उन्होंने खुद को बॉलीवुड के लिए इतना तैयार कर लिया कि वो बड़े-बड़े एक्टर्स के सामने भी अपनी एक अलग छवि के रूप में दिखाई देने लगे।
कौन सी थी पहली लीड फिल्म
एक मुख्य कलाकार के रूप में ऋतिक पर्दे पर पहली बार 2002 में फिल्म ‘कहो ना प्यार है’ से नजर आये। और ऐसा नजर आए कि उसके बाद लोगों को ऋतिक के आलवा कुछ नजर ही नहीं आया। पहली फिल्म और पहला अवॉर्ड, ऋतिक की ज़िंदगी का कभी ना भूलने वाला पल था वो। जब उन्होंने अपने हाथ में वो अवॉर्ड देखा। एक सफल फिल्म की जीत की खुशी उनकी आँखों में साफ साफ झलक रही थी। जी हाँ यही वो फिल्म थी जिसने रितिक को बेस्ट एक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड दिलाया और उन्हें बतौर एक्टर बॉलीवुड में स्थापित कर दिया। इसके बाद ऋतिक अपने डाँस और अपने रोमांटिक किरदार के लिए पब्लिक में मशहूर हो गए।
पहला अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार
ऋतिक की मेहनत जारी रही और साथ में जारी रहा उनका फिल्मी सफर । ना फिल्मों की कमी रही ना तारीफ की और ना ही अवॉर्ड की। ‘कोई मिल गया’ , ‘फिजा’, ‘मिशन कश्मीर’, ‘यादें’, ‘कभी खुशी कभी ग़म’, ‘कृष’, ‘धूम 2” , मुझसे दोस्ती करोगे’, ‘ना तुम जानो ना हम’, ‘मैं प्रेम की दीवानी हूँ’, ‘लक्ष्य’, जाने कितनी अनगिनत फिल्मों को रितिक ने अपने अभिनय से सजाया है। एक फौजी से लेकर एक भाई तक, एक एजेंट से लेकर एक राजा तक, एक प्रेमी से लेकर एक दुश्मन तक। हर किरदार को जीवंत किया है ऋतिक ने। फिर 2008 में आई फिल्म ‘जोधा अकबर’ को कौन भूल सकता है भला। राजा अकबर और उसकी प्रेमिका, ये तो एतिहासिक कहानी थी। जिनकी प्रेम गाथा का वर्णन दुनिया आज भी करती है। इस ऐसतिहासिक किरदार को पर्दे पर जिया है ऋतिक रौशन और एशवर्या राय ने। कमाल की अदाकारी, कमाल का संगीत निर्देशन हर एक चीज चुन- चुन कर बुनी गई इस फिल्म में। ये इतनी सुपरहिट रही कि इसके लिए ऋतिक रौशन को उनके करियर का पहला अंतर्राष्ट्रीय पुरुस्कार बतौर सर्वश्रेष्ट अभिनेता के रूप में मिल गया। इंडस्ट्री में बहुत कम समय में ऋतिक ने यह सम्मान हासिल कर लिया। वरना कई कलाकारों की फिल्मों की लिस्ट खत्म नहीं होती मगर इस सम्मान से वो वंचित रह जाते।
अभी ऋतिक रोशन की कई नई फिल्में पर्दे पर आने वाली है। जिनमें से कुछ की शूटिंग्स चल रही है और कुछ की अभी अनाउंसमेंट ही हुई है। वो फिल्में कौन -कौन सी हैं इसके विषय में हम अगली पोस्ट में चर्चा करेंगे।