मशहूर कहानीकार सआदत हसन मंटो की 4 कहानियों पर बेस्ड फिल्म ‘मंटो रीमिक्स’ जल्द होगी रिलीज

मशहूर कहानीकार सआदत हसन मंटो की 4 कहानियों पर बेस्ड फिल्म 'मंटो रीमिक्स' जल्द होगी रिलीज

बॉलीवुड और साहित्य का रिश्ता काफी पुराना रहा है। उर्दू हिंदी बंगाली के कई साहित्यकारों की कृतियों पर फिल्में बनाई जाती रही हैं।


उर्दू साहित्‍य के विवादित कहानीकार सआदत हसन मंटो की कहानियाँ अपने समय से बहुत आगे थीं। उन्होंने अपनी स्टोरीज में समाज की कड़वी सच्चाइयों को प्रभावी रूप से उकेरा था यही वजह है कि बॉलीवुड फिल्मकारों को भी उनकी कहानियाँ फ़िल्म बनाने के लिए प्रेरित करती रही हैं। अदाकारा और डायरेक्टर नंदिता दास ने मशहूर लेखक सआदत हसन मंटो की जिंदगी पर आधारित एक फ़िल्म मंटो बनाई थी, जिस में नवाजुद्दीन सिद्दीकी ‘मंटो’ के किरदार में नजर आए।  नंदिता दास लिखित और निर्देशित यह फिल्म  सआदत हसन मंटो की बॉयोपिक कही जा सकती है।

2021 में सेट होंगी मंटो की कहानियाँ

अब सआदत हसन मंटो की कहानियाँ ‘मंटो रीमिक्स’ के रूप में स्क्रीन पर आने वाली हैं। फिल्मकार श्रीवास नायडु ने उनकी कहानियों को पर्दे पर पेश करने की हिम्मत जुटाई है। ‘मंटो रीमिक्स’ में खास तौर पर मंटो की उन कहानियों को शामिल किया गया है, जिनमें उन्होंने औरत-मर्द के संबंधों पर बेबाकी से कलम चलाया है।


मंटो की कहानियाँ भले ही वर्षों पहले लिखी गई हैं लेकिन ‘मंटो रीमिक्स’ की खास बात और अनोखी बात यह है कि इसमें उनकी चार बेहतरीन कहानियों को 2021 में दर्शाया गया है, ताकि ऑडिएंस उससे कनेक्ट हो सके।

[Film based on 4 stories of famous story writer Saadat Hasan Manto “Manto Remix” will be released soon]

क्या है एंथोलॉजी फिल्म?

मंटो रीमिक्स एंथोलॉजी फिल्म है। गौरतलब है कि एंथोलॉजी फिल्म बॉलीवुड का नया ट्रेंड है, जिसमें एक फिल्म में एक साथ चार या पांच कहानियों को पेश किया जाता है। कभी ये स्टोरीज़ आपस में जुड़ी होती हैं तो कई बार एक-दूसरे से स्वतंत्र भी होती हैं। 

सच्चाई बयान करती कहानियाँ

मंटो रीमिक्स का निर्माण अमेरिकी कंपनी न्यूफ्लिक्स के लिए मुंबई स्थित प्रणति नायडु फिल्म्स ने किया है। फिल्म को न्यूफ्लिक्स ओटीटी पर रिलीज किया जाएगा। इस फिल्म की शूटिंग मुंबई से सटे वज्रेश्वरी इलाके में की गई है। मंटो ने औरत मर्द के रिश्तों पर खूब लिखा है। हालाँकि इसके लिए उन्हें काफी विरोध भी सहना पड़ा क्योंकि उनकी कहानियों पर वल्गर होने के इल्ज़ाम लगे। कुछ कहानियों पर अदालत में मुकदमे भी हुए। इस पर मंटो का यह बेबाक बयान काफी चर्चा में रहा है कि ‘अगर आपको मेरी कहानियाँ अश्लील या गंदी लगती हैं तो जिस समाज में आप रह रहे हैं, वह अश्लील और गंदा है। मेरी कहानियाँ तो केवल सच बयान करती हैं।’ 


फ़िल्म निर्देशक श्रीवास नायडु का कहना है, “मंटो रीमिक्स में भी सभ्य समाज के स्त्री-पुरुष संबंधों की पड़ताल की गई है। बंद दरवाजों के अंदर की लाइफ का पोस्टमार्टम पेश किया गया है। यहाँ ऐसा सच सामने आता है, जो कई बार विचलित कर देता है। एंथोलॉजी में शामिल चार कहानियों में समाज और मर्द-औरत के रिश्ते की परख के साथ मनोविज्ञान, व्यंग्य और कटाक्ष भी हैं।”

3 गाने भी हैं फ़िल्म में

‘मंटो रीमिक्स’ को निर्माता यश ठाकुर, श्रीवास नायडु, रवि बुले फिलहाल देश-विदेश के अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में भेज रहे हैं। फिल्म में बॉबी वत्स, कंचन अवस्थी, मृणालिनी, अनाया सोनी, आदिता जैन, शिव शर्मा, हंसा सिंह, हरप्रीत कौर, मनोहर तेली, चंद्रशेखर यादव, काजल चौहान और कायरा राठौर की अहम भूमिकाएं हैं। फिल्म में 3 गाने भी हैं, जिन्हें अजय के. गर्ग और डॉ. मोअज्जम अज्म ने लिखे है। मनोज नयन और प्रदीप कोटनाला ने इसका संगीत तय्यार किया है। फिल्म के सिनेमैटोग्राफर जय सिंह हैं।

Film based on 4 stories of famous story writer Saadat Hasan Manto "Manto Remix" will be released soon
फिल्म का एक स्टिल

मंटो आज होते तो कैसा लिखते

मंटो रीमिक्स के पटकथा और संवाद लेखक रवि बुले का कहना है कि मंटो की कहानियों को हमने ‘रीमिक्स’ इसलिए कहा क्योंकि इन्हें पीरियड में देखने के बजाय आज के दौर में देखा और रूपांतरित किया गया है। वक्त गुजरने के साथ मंटो की कहानियाँ ज़्यादा प्रासंगिक महसूस हो रही हैं। लग रहा है कि वह हमारे ही समय की बात कर रहे हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि इन कहानियों का काल पुराना है। अन्यथा वे अभी की हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि मंटो आज होते तो कैसा लेखन करते। मंटो रीमिक्स की चार कहानियों में इसी प्रश्न से उलझने की क्रिएटिव गुस्ताखी है।’

[Film based on 4 stories of famous story writer Saadat Hasan Manto “Manto Remix” will be released soon]

बेबाक कहानीकार थे मंटो

गौरतलब है कि अपनी कहानियों में समाज के दर्द का सजीव चित्रण करने वाले मंटो का जन्म पंजाब के लुधियाना में 1 मई 1912 को हुआ था। उनकी कालजयी कहानियों में ठंडा गोश्‍त, काली शलवार, टोबा टेक सिंह और बू शामिल हैं। अलीगढ़ यूनीवर्सिटी से स्नातक की डिग्री हासिल करने वाले मंटो सिर्फ 21 वर्ष की आयु से ही रूसी और फ्रांसीसी लेखकों को पढ़ने लगे थे। किशोरावस्‍था से ही अपनी राइटिंग से शोहरत बटोरने वाले सआदत हसन मंटो के मन मस्तिष्क को विभाजन ने झकझोर कर रख दिया था और अपनी कहानियों एवं अपने किरदारों के माध्यम से उन्होंने लोगों की लाचारी को दर्शाया।


मंटो ने भले ही बेहद कम उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन वह अपनी क्लासिक कहानियों के द्वारा लोगों के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे। आज भी पूरी दुनिया में मंटो की कहानियां पढ़ी जाती हैं। वाकई वह बेजुबानों की आवाज थे, एक ऐसे लेखक जो इंसान के दिल के अंधेरे और उसकी सोच को अल्फ़ाज़ का रूप दे देते थे।

About गाज़ी मोईन

गाजी मोईन मुंबई में काफ़ी समय से फ़िल्मी दुनिया में बतौर गीतकार, राईटर और फ़िल्म जर्नलिस्ट एक्टिव हैं। वह कवि भी हैं और आप मुंबई सहित देश भर के कई कवि सम्मेलनों और मुशायरों में अपनी शायरी पेश करते आए हैं। ऑल इंडिया रेडियो मुम्बई पर नियमित रूप से वह अपनी रचनाएँ पेश करते आए हैं। म्यूज़िक एलबम "तू ही तो था" और "शब" के लिए लिखे हुए उनके गीत काफी मक़बूल हुए हैं। सिंगर रूप कुमार राठौड़ और ग़ज़ल सिंगर सोनाली राठौड़ की आवाज़ में उनके गीत और ग़ज़लें रिकॉर्ड हैं जिन्हें रेडियो मिर्ची से प्रसारित किया गया। गाज़ी मोईन ने दूरदर्शन के कई सीरियल्स लिखे हैं, कई म्यूज़िक चैनल से जुड़े रहे हैं और फ्रीलांसर के रूप में कई अख़बारों, मैगज़ीन के लिए लिखते रहे हैं। गाज़ी मोईन मुंबई में द इंडियन परफॉर्मिंग राईट सोसाइटी लिमिटेड के मेंबर भी हैं। गाज़ी मोईन को उनके योगदान के लिए "सिनेमा आजतक अचीवमेंट अवॉर्ड" सहित कई पुरस्कारों और सम्मानों से भी नवाजा जा चुका है। इनकी 2 पुस्तकें पब्लिश हो चुकी हैं।

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