मैं जीता हूँ मरने के लिए मेरा नाम सिपाही है, अजय देवगन की आवाज़ में भावुक कविता

मैं जीता हूं मरने के लिए मेरा नाम सिपाही है, अजय देवगन की आवाज़ में भावुक कविता

Ajay Devgn’s heartfelt tribute to the Indian Bravehearts!

हिंदुस्तानी फौजियों की बहादुरी और उनकी कुर्बानी को जेपी दत्ता ने फ़िल्म बॉर्डर में बखूबी पेश किया था। उस फ़िल्म का एक गीत “संदेसे आते हैं” आज भी सिनेप्रेमियों की जुबान पर मचलता रहता है। देशभक्ति के जज़्बे से भरे उस गीत को जावेद अख्तर ने बड़ी खूबसूरती से लिखा था। अब उसी गीत की याद ताजा कर दी है बॉलीवुड के सिंघम अजय देवगन ने। हिंदी फिल्मों के मशहूर एक्शन डायरेक्टर वीरू देवगन के पुत्र अजय देवगन ने ‘सिपाही’ कविता के द्वारा भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि पेश की है। यह कविता हर भारतीय के दिल को भावनाओं से भर देने वाली है जिसमें जवानों की शहादत को बयां किया गया है। यह कविता यूट्यूब पर खूब देखी सुनी जा रही है जिसे अजय देवगन ने अपने चिरपरिचित अंदाज में पढ़ा है।


गौरतलब है कि हिंदुस्तानी फौजियों की बहादुरी को दर्शाती अजय देवगन की फिल्म ‘भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया’ इसी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर रिलीज होने जा रही है। इस फिल्म के टीजर में इसी कविता की कुछ पंक्तियां अजय देवगन की आवाज में सुनने को मिली थी- ‘मेरे मरने का मातम मत करना, मैंने खुद ये शहादत चाही है। मैं जीता हूँ मरने के लिए, मेरा नाम सिपाही है।‘
और अब अजय देवगन की आवाज़ में 2 मिनट की यह पूरी पोएट्री आउट कर दी गई है। जिसे बेहद शानदार रेस्पॉन्स मिल रहा है। भारतवर्ष के सिपाहियों को समर्पित अजय देवगन की इस भावुक कविता ‘सिपाही’ को सुनकर अक्षय कुमार और सुनील शेट्टी जैसे सितारे भी बेहद भावुक हो गए हैं।

अजय देवगन द्वारा पढ़ी गई कविता के बारे में अक्षय कुमार ने लिखा कि ‘मैं असल जिंदगी में अपनी भावनाएँ आसानी से व्यक्त नहीं कर पाता लेकिन मेरी आंखों में आँसू आ गए। अजय देवगन मुझे नहीं पता था कि तुम इतनी अच्छे कवि भी हो। किस किस बात पे दिल जीतोगे यार?’ अक्षय कुमार को लगा था कि यह प्यारी सी कविता खुद अजय देवगन ने ही लिखी है इसलिए उन्होंने अजय को कवि कह दिया मगर इस कविता के रचयिता बॉलीवुड के मशहूर गीतकार मनोज मुंतशिर हैं जिन्होंने तेरी गलियाँ जैसे हिट गाने लिखे हैं। बाद में बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार ने अपने ट्वीट में लिखा कि, अभी पता चला कि इतनी दिल को छूने वाली कविता बेहद टैलेंटेड मनोज मुंतशिर ने लिखी है और नरेशन अजय देवगन का है।


वहीं सुनील शेट्टी ने अजय देवगन की इस कविता के संदर्भ में लिखा है, ‘जब एक प्यारा दोस्त देश और सिपाही की बात करता है। एक भाई का दूसरे भाई के लिए दिल को छू जाने वाला प्यार। आँखों में आँसू भर आए, सीने में गर्व और दिल मजबूत हो गया। शानदार अजय देवगन, बेहतरीन प्रस्तुति।’

अजय देवगन ने सुनील शेट्टी के इस पैगाम के लिए उन्हें शुक्रिया कहा है। ‘अन्ना, आपके सेंसिटिव मेसेज के लिए शुक्रिया। मेरे दिल को छू गया। अपने सिपाहियों के साथ इस कविता को शेयर कर गर्व महसूस करता हूँ। हमारे भारतीय सिपाही शानदार हैं।’

इस कविता में देश के जांबाज सिपाही की कहानी प्रभावी रूप से प्रस्तुत की गई है, मनोज मुंतशिर के कलम और अजय देवगन की आवाज़ ने इस कविता को यादगार और जज़्बाती बना दिया है। यह एक ऐसी कविता है जिसे सुनकर हर हिंदुस्तानी की पलकें गीली हो जाएँगी। पूरी कविता कुछ इस तरह हैं।

सरहद पर गोली खाकर जब टूट जाए मेरी साँस, मुझे भेज देना यारों मेरी बूढ़ी माँ के पास। बड़ा शौक था उसे, मैं घोड़ी चढ़ूँ। ढम ढम ढोल बजे तो ऐसा ही करना। मुझे घोड़ी पर ले जाना, ढोल बजाना और पूरे गाँव में घुमाना और मेरी माँ से कहना, बेटा दूल्हा बन कर आया है। बहू नहीं ला पाया तो क्या बारात तो लाया है।


मेरे बाबूजी पुराने फौजी हैं, बड़े मनमौजी हैं कहते थे ,बच्चे तिरंगा लहरा के आना या तिरंगे में लिपट कर आना, कह देना उनसे मैंने उनकी बात रख ली। दुश्मन को पीठ नहीं दिखाई, आखिरी गोली भी सीने पे खाई।

मेरा छोटा भाई उससे पूछना क्या मेरा वादा निभाएगा! मैं सरहद से बोल के आया था एक बेटा जाएगा तो दूसरा आएगा।

मेरी छोटी बहना उससे कहना, मुझे याद था उसका तोहफा लेकिन अजीब इत्तेफाक हो गया, राखी से पहले भाई राख हो गया।
वो कुएं के सामने वाला घर, दो घड़ी के लिए वहाँ जरूर ठहरना। यहीं तो रहती है, जिसके साथ जीने मरने का वादा किया था।
उससे कहना भारत माँ का साथ निभाने में उसका साथ छूट गया। एक वादे के लिए दूसरा वादा टूट गया।


बस एक आखिरी गुजारिश, मेरी आखिरी ख्वाहिश, मेरी मौत का मातम मत करना।

मैंने खुद ये शहादत चाही है। मैं जीता हूँ मरने के लिए मेरा नाम सिपाही है।”

उफ़ ! क्या कमाल कविता है। आपका दिल रो पड़ेगा और फौजियों के लिए सम्मान और भी बढ़ जाएगा।

उल्लेखनीय है कि अजय देवगन की नेक्स्ट मूवी ‘भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया’ सच्‍ची घटना पर बेस्ड सिनेमा है। इस फिल्म में अजय देवगन तत्‍कालीन भुज एयरपोर्ट के इंचार्ज विजय कार्णिक के रोल में नजर आएंगे। फिल्म को टी सीरीज और अजय देवगन फिल्म्स ने मिलकर प्रस्तुत किया है।


इसमें अजय देवगन के अलावा संजय दत्त, सोनाक्षी सिन्‍हा, नोरा फतेही अहम भूमिकाओं में हैं। अभिषेक दुधैया के निर्देशन में बनी यह फिल्म 13 अगस्त को ओटीटी प्लेटफॉर्म डिजनी हॉटस्टार पर रिलीज होने जा रही है।

About गाज़ी मोईन

गाजी मोईन मुंबई में काफ़ी समय से फ़िल्मी दुनिया में बतौर गीतकार, राईटर और फ़िल्म जर्नलिस्ट एक्टिव हैं। वह कवि भी हैं और आप मुंबई सहित देश भर के कई कवि सम्मेलनों और मुशायरों में अपनी शायरी पेश करते आए हैं। ऑल इंडिया रेडियो मुम्बई पर नियमित रूप से वह अपनी रचनाएँ पेश करते आए हैं। म्यूज़िक एलबम "तू ही तो था" और "शब" के लिए लिखे हुए उनके गीत काफी मक़बूल हुए हैं। सिंगर रूप कुमार राठौड़ और ग़ज़ल सिंगर सोनाली राठौड़ की आवाज़ में उनके गीत और ग़ज़लें रिकॉर्ड हैं जिन्हें रेडियो मिर्ची से प्रसारित किया गया। गाज़ी मोईन ने दूरदर्शन के कई सीरियल्स लिखे हैं, कई म्यूज़िक चैनल से जुड़े रहे हैं और फ्रीलांसर के रूप में कई अख़बारों, मैगज़ीन के लिए लिखते रहे हैं। गाज़ी मोईन मुंबई में द इंडियन परफॉर्मिंग राईट सोसाइटी लिमिटेड के मेंबर भी हैं। गाज़ी मोईन को उनके योगदान के लिए "सिनेमा आजतक अचीवमेंट अवॉर्ड" सहित कई पुरस्कारों और सम्मानों से भी नवाजा जा चुका है। इनकी 2 पुस्तकें पब्लिश हो चुकी हैं।

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