विवेक ओबेरॉय निभाना चाहते थे फ़िल्म ओमकारा में लंगड़ा त्यागी वाला रोल, सैफ अली खान ने बना दिया आइकॉनिक !

Vivek Oberoi Reveals He wanted to play role of langda tyagi

Did You Know Vivek Anand Oberoi Wanted To Play Saif Ali Khan’s Langda Tyagi In Omkara

अजय देवगन, सैफ अली खान और विवेक ओबेरॉय के अभिनय से सजी विशाल भारद्वाज की क्लासिक फ़िल्म ओमकारा को 15 वर्ष हो गए हैं। इस खास मौक़े पर विवेक ऑबेरॉय ने छोटे नवाब को लेकर एक दिलचस्प बात का खुलासा किया है। आपको बता दें कि विवेक आनंद ओबेरॉय अपने कॅरियर के शुरू से ही चैलेजिंग किरदारों की तलाश में रहने वाले एक्टर रहे हैं। जब विशाल भारद्वाज ने उन्हें ओमकारा की कहानी सुनाई थी, तो शायद बहुत कम लोग जानते होंगे कि विवेक लंगड़ा त्यागी की भूमिका अदा करना चाहते थे, लेकिन इस किरदार को सैफ अली खान ने आइकॉनिक बना दिया, जबकि विवेक ने केसु फिरंगी का किरदार निभाया था।


विवेक आनंद ओबेरॉय ने ओमकारा के 15 साल पूरे होने पर इस फ़िल्म से जुड़ी यादों के ताजा करते हुए कहा “हम रीडिंग सेशन कर रहे थे, और मैंने विशाल भाई और अजय से कहा कि मुझे लंगड़ा त्यागी का यह किरदार पसंद है और मैं इसे निभाना चाहता हूं। किरदार बहुत ही शानदार लग रहा था। लेकिन विशाल भाई ने मुझसे कहा कि मैं उस किरदार के लिए उम्र के हिसाब से कम आयु का लग रहा था, और इसलिए वह चाहते थे कि मैं केसु फिरंगी का किरदार निभाऊँ।”

विवेक आनंद ओबेरॉय ने आगे बताया “ऐसा हुआ कि सैफ ने उन दिनों किसी और फिल्म के लिए अपने बाल बढ़ाये हुए थे, और खूब अच्छे लग रहे थे। उन्हें रियल जैसा दिखना था और यूपी के गैंगस्टर लुक को पूर्णता में लाने के लिए उसे अपने बाल काटने पड़ते। विशाल भाई इस बात पर अड़े थे कि सैफ को अपने बाल काटने होंगे और यह लुक और फील के मामले में जितना संभव हो उतना मूल होना चाहिए। सैफ अभी भी अपने बाल काटने के बारे में सोच रहे थे। मैंने एक दिन सचमुच मजाकिया अंदाज में कहा, ‘भाई, अगर आप अपने बाल नहीं काट रहे हैं, तो मैं अपने बाल काट रहा हूँ और मैं लंगड़ा त्यागी का किरदार निभाने जा रहा हूँ। यह सबसे अच्छी भूमिकाओं में से एक है जिसे मैंने कभी पढ़ा है।’ सैफ आखिरकार मान गए और अचानक मैंने उन्हें उस छोटे बालों और लुक में देखा और बाकी, जैसा कि कहते हैं, एक इतिहास की बात हो गई है।”

गौरतलब है विवेक आनंद ओबेरॉय को केसु फिरंगी की भूमिका निभाने के लिए कई सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के पुरस्कार से नवाजा गया, जबकि सैफ अली खान ने कई अवार्ड शोज़ में निगेटिव किरदार में बेस्ट एक्टर का अवार्ड अपने नाम किया।

विशाल भारद्वाज के निर्देशन में बनी यह फ़िल्म ओमकारा शुक्ला पर बेस्ड थी जिसका रोल अजय देवगन ने अदा किया था. ये फिल्म शेक्सपियर के मशहूर ड्रामा ओथेलो पर बेस्ड थी.

यह फिल्म अपने गीत संगीत के लिए भी बहुत चर्चा में रही। विशेष रूप से बिपाशा बसु पर फिल्माया गया आइटम सांग “बीड़ी जलाई ले जिगर से पिया” आज भी डांस नम्बर माना जाता है। विवेक ओबेरॉय ने इस फ़िल्म के पंद्रह साल पूरे होने पर इस स्पेशल सांग की शूटिंग को याद करते हुए बताया कि ये एक मैजिकल सांग था। गुलजार साहब ने जो इसकी लाइनें लिखीं वो लाजवाब हैं। इस गाने की शूटिंग हमने कपकपाती ठंड में पूरी रात की थी। जब यह गाना बज रहा था तो हर कोई नाच रहा था, झूम रहा था। गणेश आचार्य इस सांग को कोरियोग्राफ कर रहे थे। बिपाशा बसु, सैफ अली खान, दीपक डोबरियाल, और मैं गाने में नाच रहे थे। कड़ाके की सर्दी थी और आधी रात थी मगर फिर भी गाने ने हर किसी को झूमने नाचने पर मजबूर कर दिया।’

2006 में रिलीज हुई इस क्राइम थ्रिलर फिल्म ओमकारा का निर्देशन विशाल भारद्वाज ने बखूबी किया था। यह फिल्म शेक्सपियर की महान कृति ‘ओथेलो’ का सिनेमाई रूपांतरण है। फ़िल्म में मुख्य भूमिकाओं में अजय देवगन, सैफ अली खान, विवेक ओबराॅय एवं करीना कपूर के साथ नसीरुद्दीन शाह, कोंकणा सेन शर्मा और बिपाशा बसु नजर आए। निर्देशक विशाल भारद्वाज ने फ़िल्म का संगीत और पार्श्वसंगीत भी तैयार किया जबकि गीत गुलजार ने लिखे थे। फिल्म की शूटिंग उत्तरप्रदेश के मेरठ में हुई थी।


उल्लेखनीय है कि विशाल भारद्वाज का नाम शेक्सपियर के नाटकों पर बेहतरीन हिंदी फिल्मे बनाने के लिए जाना जाता है। उन्होंने 2003 में ‘मकबूल’ और 2014 में ‘हैदर’ भी बनाई जो क्रमशः ‘मेकबैथ’ और ‘हेमलेट’ पर बेस्ड थी।

About गाज़ी मोईन

गाजी मोईन मुंबई में काफ़ी समय से फ़िल्मी दुनिया में बतौर गीतकार, राईटर और फ़िल्म जर्नलिस्ट एक्टिव हैं। वह कवि भी हैं और आप मुंबई सहित देश भर के कई कवि सम्मेलनों और मुशायरों में अपनी शायरी पेश करते आए हैं। ऑल इंडिया रेडियो मुम्बई पर नियमित रूप से वह अपनी रचनाएँ पेश करते आए हैं। म्यूज़िक एलबम "तू ही तो था" और "शब" के लिए लिखे हुए उनके गीत काफी मक़बूल हुए हैं। सिंगर रूप कुमार राठौड़ और ग़ज़ल सिंगर सोनाली राठौड़ की आवाज़ में उनके गीत और ग़ज़लें रिकॉर्ड हैं जिन्हें रेडियो मिर्ची से प्रसारित किया गया। गाज़ी मोईन ने दूरदर्शन के कई सीरियल्स लिखे हैं, कई म्यूज़िक चैनल से जुड़े रहे हैं और फ्रीलांसर के रूप में कई अख़बारों, मैगज़ीन के लिए लिखते रहे हैं। गाज़ी मोईन मुंबई में द इंडियन परफॉर्मिंग राईट सोसाइटी लिमिटेड के मेंबर भी हैं। गाज़ी मोईन को उनके योगदान के लिए "सिनेमा आजतक अचीवमेंट अवॉर्ड" सहित कई पुरस्कारों और सम्मानों से भी नवाजा जा चुका है। इनकी 2 पुस्तकें पब्लिश हो चुकी हैं।

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