कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर सुनिए कृष्ण भक्ति में डूबे पाँच गढ़वाली भजन

Garhwali Bhajans on Sri Krishna

जिस मुरली की धुन पर पूरा संसार झूम उठता है, जिसकी एक मुस्कुराहट पर जग के सारे दुख दर्द दूर हो जाते हैं। जिसके माथे पर सजे उस मोर पंख को देख मन प्रसन्नचित हो जाता है। आज उस बाँके बिहारी लाल यशोदा नंदन, देवकी पुत्र श्रीकृष्ण जी का जन्म दिवस है। जी हाँ, आज जन्माष्टमी का त्यौहार है जो पूरे देश में बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। स्कूलों से लेकर बड़ी बड़ी मंडलियों में श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर गीत संगीत और नृत्य किये जाते हैं, भजन कीर्तन लगाए जाते हैं। सम्पूर्ण जग पर प्रेम बरसाने वाले अपने कान्हा के जन्मोत्सव पर आज चलचित्र सेंट्रल भी श्री कृष्ण पर गाए गये पाँच गढ़वाली भजनों को आपके सम्मुख प्रस्तुत करने जा रहा है। आईए सुनिए श्री कृष्ण भक्ति में डूबे ये पाँच गढ़वाली भजन।

[Garhwali Bhajans on Sri Krishna]

प्यारु कन्हैया (Pyaru Kanhaiya)

माँ गंगा प्रोडक्शन से 2017 में एक भजन रिलीज हुआ था ‘प्यारु कन्हैया’ जिसमें अपनी आवाज दी थी महेश लखेड़ा ने और इस भजन का संगीत दिया था मोती शाह ने। इस भजन में गायक कान्हा से गुहार लगा रहा है कि हे कान्हा अपनी बंशी बजा दे और नृत्य दिखाकर रास रचा दे। श्री कृष्ण के बालपन से लेकर उनके बड़े होने तक की सारी बातें सगीत के माध्यम से इस भजन में बताई गई है। ये एक नृत्य भजन है जिस पर आप सभी लोग खुद को बिरसराकर भगवान की भक्ति में लीन होकर झूम सकते हैं।

खेनु गेन्दुवा कन्हैया (Khenu Gendua kanhaiyaa)

सुरेश चंद्र नैनवाल की आवाज में ये भजन 23 मई 2018 को उनके बेटे के ऑफिसियल यूट्यूब चैनल पर रिलीज हुआ था। इस भजन में भगवान श्री कृष्ण अपने बालक रूप मे मैया यशोदा से अपने साथियों के साथ गेंद खेलने की जिद करते हैं। और मैया यशोदा भगवान श्री कृष्ण को जाने से रोकती हैं। उनका तर्क यह होता है की यमुना नदी मे कालिया नाग है जो बहुत जहरीला है।माता अपने बालक को वहां नहीं जाने कि सलाह देती है। भगवान श्री कृष्ण जिद कर गेंद खेलने चले जाते हैं। गेंद खेलते हुए भगवान श्री कृष्ण अपने सखा सुदामा की गेंद यमुना में फेंक देते हैं। अब सुदामा गेंद वापस लाने के लिए भगवान श्री कृष्ण से जिद करने लगे। आपको बताते चलें कि सुरेश चंद्र नैनवाल ने ही इस भजन को लिखा है।

कान्हा रे कन प्यारी बजदी (kanha re kani pyari bajadi)

कान्हा रे हिमांशु कंडवाल की आवाज में गाया हुआ एक बहुत सुंदर भजन है। इस भजन का संगीत थपलियाल ब्रदर्स ने दिया है। थपलियाल ब्रदर्स से आशय दीपक थपलियाल और रवि थपलियाल है। भजन को लिपसिंक शूट किया है जोकि आजकल ट्रेंड बना हुआ है। इस भजन में रिदम सुभाष पांडे की है और फ्लूट दामोदर चमोली की है। इस भजन में श्रीकृष्ण की बाँसुरी और उनके आलौकीक चरित्र का वर्णन किया है।

बासुदेव को बालो (Basudev ko Baalo)

अनिल बिष्ट और लता तिवारी की आवाजों में एक बहुत ही प्यारा भजन आया था साल 2017 में, जिसे अपने संगीत से सजाया था म्यूजिक के सरताज ईशान डोभाल ने। ये भजन देव सुमिरन एल्बम का पार्ट था। नंदा कैसेट से निकले इस भजन को अब तक पाँच लाख से भी ज्यादा बार पसंद किया है।


भजन में कान्हा के जन्म से लेकर उनके पूरी लीला का वर्णन किया गया है। उनके चरित्र की सुंदरता का बखान किया गया है।

मोहना तेरि छुंयाली आँखि (Mohana Teri Chuyaali Aankhi)

सुधीर ध्यानी की मधुर आवाज में एक बेहद खूबसूरत भजन इनके खुद के यूट्यूब चैनल से रिलीज हुआ है। इस भजन की रचना इन्होंने खुद ही की है। कहते हैं कि श्रीकृष्ण बहुत बातूनी हैं, अपनी मीठी मीठी बातों से सबको भ्रमित करके अपना काम कर लेते हैं। इसलिए इस भजन में में वही जिक्र किया गया है कि ‘हे मोहन तेरी जो आँखें हैं वो बहुत शरारती और बातूनी है। इन आँखों में सारी दुनिया बसती है मगर इन्ही आँखों ने सबके मन को प्रेम के भाव से ग्रसित किया है। अब आप ही अपनी बाँसुरी से इस प्रेम का कल्याण करो।’

[Garhwali Bhajans on Sri Krishna]

About सुजाता देवराड़ी

सुजाता देवराड़ी मूलतः उत्तराखंड के चमोली जिला से हैं। सुजाता स्वतंत्र लेखन करती हैं। गढ़वाली, हिन्दी गीतों के बोल उन्होंने लिखे हैं। वह गायिका भी हैं और अब तक गढ़वाली, हिन्दी, जौनसारी भाषाओँ में उन्होंने गीतों को गाया है। सुजाता गुठलियाँ नाम से अपना एक ब्लॉग भी चलाती हैं।

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