गोवा में हुए इंटेरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में दिखाई गयी गढ़वाली फिल्म ‘सुनपट’

उत्तराखंड में जब भी कुछ अच्छा काम होता है जो चलचित्र सेंट्रल हमेशा उसकी सराहना करता है। इस बार भी एक बड़ी खबर सामने आई है और ये खबर किसी गीत को लेकर नहीं बल्कि गढ़वाली भाषा में बनी फिल्म को लेकर आई है। पहाड़ की संस्कृति और पलायन पर आधारित फिल्म ‘सुनपट’ (Sunpat) इस वर्ष गोवा में होने वाले अंतरराष्‍ट्रीय फिल्‍म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में दर्शाई गयी। नवंबर 20 से नवंबर 28 को चले इस फिल्म फेस्टिवल में इस फिल्म को दर्शाया गया। इंडियन पैनोरमा नॉन फीचर फिल्म श्रेणी में चयनित 20 अलग-अलग भाषाओं की फिल्मों में गढ़वाली की इस फिल्म ने अपना स्थान बनाया था। ज्ञात हो कि 1952 में शुरू हुआ इन्टरनेशनल फिल्म ऑफ इंडिया एशिया में होने वाले प्रतिष्ठित फिल्म महोत्सवों में से एक है। हर वर्ष सूचना प्रसारण मंत्रालय के साथ मिलकर डायरेक्ट्रेट ऑफ फिल्म फेस्टिवल द्वारा इस महोत्सव का आयोजन होता है।

आपको बता दें कि 35 मिनट की फिल्म सुनपट का फिल्मांकन पौड़ी गढ़वाल के बीरोंखाल क्षेत्र में हुआ है। राहुल रावत इस फिल्म लेखक हैं और इसका निर्देशन भी उन्होंने ही किया है। ज्ञात हो राहुल रावत मूलतः बीरोखाल के ही हैं और वर्तमान में मुंबई फिल्म इंडस्ट्री में कार्यरत हैं। उन्होंने कई बड़े एड फिल्ममेकरों के साथ कार्य करने के बाद वह परसेप्ट फिल्म में लेखक और निर्देशक के रूप में जुड़ चुके हैं। यह उनकी पहली फिल्म है।

फिल्म के बारे में

सुनपट उत्तराखंड के गावों पर आधारित एक ऐसे समाज की कहानी है जिसका बीता कल खोया हुआ है और आने वाले कल धुंधला नज़र आता है। फिल्म 12 वर्षीय अनुज और उसके दोस्त भरतू की कहानी कहती है। अनुज को एक लड़की पसंद है और वह यह जानने के लिए कि क्या लड़की भी अनुज को पसंद करती है एक यात्रा पर निकल पड़ते हैं। जैसे जैसे वह अपने यात्रा में आगे बढ़ते हैं दर्शक इनकी यात्रा के माध्यम से उत्तराखण्ड में पलायन के कारण बदहाल हुए गाँवो की स्थिति से वाकिफ होते जाते हैं। जब हर कोई गाँव से बाहर निकलने को बेकरार नजर आ रहा है ऐसे निराशावादी समय के बीच यह प्रेम और दोस्ती की प्यारी सी कहानी है।

About सुजाता देवराड़ी

सुजाता देवराड़ी मूलतः उत्तराखंड के चमोली जिला से हैं। सुजाता स्वतंत्र लेखन करती हैं। गढ़वाली, हिन्दी गीतों के बोल उन्होंने लिखे हैं। वह गायिका भी हैं और अब तक गढ़वाली, हिन्दी, जौनसारी भाषाओँ में उन्होंने गीतों को गाया है। सुजाता गुठलियाँ नाम से अपना एक ब्लॉग भी चलाती हैं।

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